नमस्ते दोस्तों मेरा नाम ममता रानी है ये हिंदी सेक्स स्टोरीज मेरे और मेरे भतीजे आर्यन की है जिसमे उसने मेरी चुत और गांड में उंगली करके मुझे चरम सुख दिया
हर किसी भी कच्चे-पक्के रिश्ते में बहुत सारी मिठास होती है, और इस मिठास का स्वाद तब और बढ़ जाता है जब हम अपने प्रियजनों के साथ कुछ विशेष क्षणों का आनंद लेते हैं। आज मैं ममता रानी आपको एक अजीब लेकिन मजेदार कहानी सुनाने जा रही हूं, जो मेरे भतीजे के साथ हुई एक दिलचस्प घटना पर आधारित है। यह कहानी चुत और गांड के इर्द-गिर्द घूमती है, और भतीजे ने किस तरीके से मुझे चरम सुख दिया, वह किस्सा भी आपको सुनाऊंगी ।
कहानी शुरू होती है कॉलेज की गर्मी की छुट्टी में। आर्यन गर्मी की छुट्टी में भाई-भाभी के घर गया हुआ था, तक़रीबन 2 month बाद आर्यन अपने भाई-भाभी के घर से आया था अब बड़ा हो चुका था, लेकिन उसकी मासूमियत और क्यूटनेस में कोई कमी नहीं आई थी। उसके आते ही वो पता नहीं 1 month के लिए पता नहीं कहा गायब हो गया था और 1 मोनथ के बाद भी उसकी आँखों में एक नयी चिंगारी थी।
मैने उसे अपने पास बुलाया और कहा और आर्यन क्या बात है आज-कल तुम घर बहुत काम आते जाते हो आर्यन बोला नहीं चाची मुझे एग्जाम की बहुत टेंशन थी मेरे 12th के एग्जाम थे तो बस उसी की तैयारी कर रहा था में आर्यन से बोली अब तो किसी चीज की टेंशन नहीं है आर्यन बोलने लगा की टेंशन तो किसी बात की नहीं है बस थोड़ी दिक्कत में हु मेरा हिंदी का पेपर थोड़ा सा छूट गया है अगर में फैल हो गया तो पापा मुझे बहुत मारेंगे में बोली अच्छा तो ये बात है जिस कारण मेरा आर्यन इतना परेशान है मैने आर्यन से कहा तुम थोड़ी देर बाद ऊपर वाले कमरे में आ जाना तब तक तुम्हारे चाचा भी ऑफिस चले गायगे आर्यन ठीक है चाची बोलके चला गया कुछ समय में आर्यन के चाचा ऑफिस चले गये में तैयार होकर ऊपर कमरे में पलंग पे कम्बल डालके लेट गयी वो भी बिना कपड़ो के तभी
आर्यन भी आगया उसने दरवाजा खट-खटाया बोला चाची तुम अंदर हो या फिर अभी निचे हो मैने कहा सीधा अंदर आजाओ आर्यन कमरे के अंदर आके बोला, बोलो चाची तुम मेरी टेंशन कैसे दूर कर सकती हो मैने कहा कम्बल हटाऔ और खुद देख लो आर्यन ने बिना सोचे समझे कम्बल हटा दिया जैसे ही उसने मेरी चुत और गांड देखी वो बस देकते ही रह गया मानो उसे कोई उपहार स्वरूप एक बड़ी चीज मिल गयी हो, उसने मेरी चुत के बाल देखे जो सुनहरे रंग में चमक रहे थे।
उसके मुँह की राल देखकर मुझे साफ-साफ दिख रहा था उसके मन में केवल एक ही ख्याल आया होगा —यह तो चखने का समय है! लेकिन तभी आर्यन ने मेरे पास आकर कहा, “चाची, क्या में इसे चुम सकता हु !”
भतीजे की मासूमियत को देखकर मैंने उसे बोला ये चुत और गांड तुम्हारे लिए है । इसी से तुम्हारी टेंशन खत्म होगी उसने चुत को चूमते चूमते वो मेरी गांड को अपने बड़ी -सी मुट्ठी में लिया और उन्हें पीटने लगा जैसे कॉलेज में टीचर बच्चो की गांड पे डंडा मरते है वो भी अपने हातो से मेरी गांड को वैसे ही पीट रहा था और फिर खेल-खेल में उन्हें उलट-पुलट कर पीटने लगा । मुझे यह देखकर बड़ा मजा आया। लेकिन उसका अगला कदम मुझे कुछ अनोखा लगा
अपने मुँह से वो मेरी चुत चाट रहा था और एक हाथ से वो मेरी गांड पीट रहा और दूसरे हाथ से वो मेरी गांड में ऊँगली भी कर रहा था जिसे मुझे गुद-गुदी और साथ ही मजा भी आ रहा था
वे कामुक सिसकारियां लेने लगी थीं- आह आह आर्यन … यह तुम कैसे कर रहे हो … आह मेरा बदन सेक्स से जल रहा है आह जल्दी से मेरी चुत फाड़ दे!
मैंने कहा- थोड़ा तो रुक जाओ चाची जी … मुझे आपके मस्त मस्त गुब्बारे तो दाब लेने दो.
चाची बोलीं- वह सब बाद में कर लेना … अभी जल्दी से कर ले … कोई आ जाएगा तो मैं फिर से प्यासी रह जाऊंगी!
यह सुनकर मैंने चाची को किस करना चालू कर दिया चाची भी मजे ले रही थीं और वे भी मुझे चूम रही थीं.
में कुछ ऐसे चुंबन ले रहा था कि चाची को सांस लेना भी मुश्किल हो रहा था.
तभी मैंने चाची के ऊपर से पूरा कम्बल उतार दिया और तो मैंने चाची को कुतिया के जैसे झुकाया और किचन की पट्टी पर रखी तेल का शीशी उठा कर तेल चाची की गांड में डाल दिया.
वे अपनी गांड हिलाने लगी थीं.
अब मैंने अपनी पैंट नीचे की और अपना औजार बाहर निकाल कर एकदम से चाची की गांड में डाल दिया.
चाची चिल्ला उठीं और वे रोने लगीं- आह आर्यन… धीरे धीरे कर मैं भागी थोड़ी जा रही हूं.
मैं चाची की गांड मारने लगा और उनकी चूचियां मसलता रहा.
उसके बाद मैंने चाची की चूत में लंड पेला, तो वे खुश हो गईं और बोलीं- अब सही जगह पेला है.
मैंने उन्हें काफी देर तक चोदा, फिर मेरा माल निकल गया और मैं उनसे अलग हो गया
फिर उन्हें पलंग पे सीधा लेटा दिए अब में उनकी चुत मारने लगा जिसे चाची को बहुत मजा आ रहा था
फिर चाची ने मुझे थोड़ा पीछे किया और मुझे लेटा दिया और अपने आप मेरे ऊपर आ कर मेरे औजार को अपनी चुत में लेके खुद चुदने लगी
चाची के बड़े बड़े बूब्स इतनी तेज तेज ऊपर नीचे हो रहे थे मानो पलंग में भूचाल आ रहा हो
इतनी देर में मेरे दूसरा राउंड हो गया तभी निचे किवाड़ पे हलचल हुई हम दोनों ने बहुत तेजी से कपडे पहने और निचे जा कर देखा तो एक कुत्ता घर में घुस गया था
फिर में अपने घर आ गया चाची को बाय बोलके
वो क्षण दरअसल सिर्फ मजेदार नहीं था, बल्कि एक अजीब सा सुख भी दे रहा था। जैसे-जैसे हम दोनों काजू और बादाम से खेलते गए, मेरे मन में बचपन की यादें ताजा होती गईं। मुझे याद आया हम भी कभी ऐसे ही खेला करते थे, बिना किसी चिंता के, बस खुश रहने के लिए। तब हमने ठानी कि हम इस पल का पूरा आनंद उठाएँगे।
आर्यन ने फिर मुझे उठाया और चुत में लोडा घुसाते हुए कहा, “चाची, ये आपकी चुत
नहीं है ऐसालगता है की मानो ये जनत है ” मैंने उसकी बात को सुना और समझा कि बच्चों का मन तो कितना स्वतंत्र होता है, कोई नियम नहीं, बस मस्ती और खेल।
स्टोरीज : हम दोनों ने निर्णय लिया कि इस खेल को हम कभी खत्म नहीं करेंगे। न जाने कितनी बार आर्यन ने मेरे चुत और गांड से खेलने लगे। धीरे-धीरे मैं उस चुलबुले लड़के के साथ अपने चुत –गांड के अनुभवों में खो गई ।
आखिरकार, मजेदार बात ये हुई कि उस दिन के बाद मैंने अपने खाने के तरीके में एक अद्भुत बदलाव देखा। आर्यन ने मुझे सिखाया कि हमें जीवन को गंभीरता से न लेकर, बल्कि हलका-फुलका और मस्ती के साथ जीना चाहिए। भले ही उस दिन आर्यन चुत और गांड में उंगली कर रहे थे, पर असल में हमने एक नई दृष्टि पाई, एक नया दृष्टिकोन पाया।
तो इस तरह उस प्यारे भतीजे ने, अपनी मासूमियत और निर्दोषता के जरिए, मेरी चुत और गांड में उंगली करके मुझे चरम सुख दिया। जीवन की छोटी-छोटी खुशियों का मजा लेना, और उन्हें मजेदार यादों में तब्दील करना, यही वह खुशी है जो हमें जीवन में आगे बढ़ने का हौसला देती है।
इस कहानी का यही सार है कि हमें उन खुशनुमा पलों को संजो कर रखना चाहिए, जो न केवल हमें हंसाते हैं, बल्कि हमारे मन की इच्छा और रिश्तों को भी मजबूत बनाते हैं। कभी-कभी छोटे-छोटे पल ही हमारे जीवन को खुशियों से भर देते हैं। तो दोस्तों, अगली बार जब आप चुत और गांड में उंगली कराये, तो थोड़ा खेलकर देखें। आपको भी एक नए अनुभव का मजा आ सकता है